Uttarakhand

उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य बोलीं, मातृभाषा में शिक्षा नई नीति में सबसे अहम

देहरादून। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने का निर्णय नई शिक्षा नीति में सबसे महत्वपूर्ण है। लॉकडाउन में भारतीय शिक्षण संस्थानों ने ऑनलाइन शिक्षा को जिसतरह अपनाया, उससे ये साबित हो गया कि हमारी शिक्षा प्रणाली नवाचार के लिए तैयार है। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से शुक्रवार को राजभवन में पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया (पीआरएसआइ) उत्तराखंड चैप्टर के पदाधिकारियों ने भेंट की। उन्होंने नई शिक्षा नीति पर आधारित पुस्तक ‘नवयुग का अभिनंदन’ राज्यपाल को भेंट की। 

इस पुस्तक में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य का लेख भी शामिल है। इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों का विकास, वैज्ञानिक दृष्टिकोण का संवद्र्धन व शोध अनुसंधान व नवाचार के लिए प्रेरणा देना है। उन्होंने बताया कि वह प्रदेश में नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए खुद कई बैठकें कर चुकी हैं।

प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग को इस संबंध में ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भी नई शिक्षा नीति की कार्ययोजना व प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में जानकारी देने को कहा गया है। उन्होंने पीआरएसआइ के प्रयासों को सराहा और संस्था को बच्चों के कल्याण व शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने का सुझाव दिया। 

उन्होंने कहा कि बच्चों को व्यक्तिगत विकास के समुचित अवसर मिलने चाहिए। इस अवसर पर उप निदेशक सूचना नितिन उपाध्याय ने उत्तराखंड चैप्टर का संक्षिप्त परिचय दिया। उन्होंने कहा कि पीआरएसआइ जनसंपर्क कार्य से जुड़े व्यक्तियों का संगठन है।

उत्तराखंड चैप्टर जनसंपर्क कार्यों की दिशा में प्रभावी कार्य कर रहा है। सोसाइटी के उत्तराखंड चैप्टर अध्यक्ष अमित पोखरियाल ने बताया कि चैप्टर राज्य व केंद्र सरकार की जन कल्याणकारी नीतियों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर रहा है। इस अवसर पर संस्था के सचिव अनिल सती, कोषाध्यक्ष सुरेशचंद्र भट्ट, संयुक्त सचिव राकेश डोभाल उपस्थित थे।

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