Uttarakhand

नकली रेमडेसिविर प्रकरणः जेल से रिहा हुए कुछ आरोपियों पर ड्रग विभाग की नजर

देहरादून। दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के बाद अब स्थानीय ड्रग विभाग भी नकली दवाओं के मामले में जेल जाने के बाद रिहा हो चुके लोगों की पड़ताल करने में जुट गया है। बताया जा रहा है कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के कारोबार में रुड़की के कई अन्य युवक भी शामिल हैं। इनके बारे में विभाग ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है। जल्द ही इस मामले में बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है। रुड़की और आसपास क्षेत्रों में नकली दवा बनाने के कई मामले पकड़े जा चुके हैं। इसमें कइयों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। चर्चा है कि गिरफ्तार आरोपियों में कुछ लोग जेल से बाहर भी आ चुके हैं और अब फिर से नकली दवा बनाने वाले गिरोह से जुड़ गए हैं। सूत्रों की मानें तो नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के कारोबार में भी इन लोगों का हाथ होने की आशंका है।
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने जिस महिला को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ पकड़ा हैए वह रुड़की निवासी एक व्यक्ति से इंजेक्शन की खरीद के बाद सप्लाई करती थी। इस व्यक्ति के साथ रुड़की और आसपास के कई लोग जुड़े हुए हैं। इसके अलावा पूर्व में नकली दवा बनाने के आरोप में पकड़े गए आरोपियों का फिर से नकली दवा और इंजेक्शन बनाने के काम में शामिल होने का इनपुट भी ड्रग विभाग को मिला है। बताया जा रहा है कि रुड़की के नन्हेड़ा में कुछ लोगों ने एक फर्जी फर्म खोली हुई हैए जिसकी आड़ में अन्य कंपनियों के एंटीबायोटिक पर रेमडेसिविर का लेबल लगाकर अवैध रूप से बेचा जाता है। ड्रग कंट्रोलर मानवेंद्र सिंह राणा ने बताया कि नकली दवा और इंजेक्शन बनाने के काम में कई स्थानीय लोगों के शामिल होने की जानकारी मिली हैए जिसकी जांच पड़ताल की जा रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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